गूगल की पैरेंट कंपनी अल्फाबेट इंक (Alphabet Inc) ने एक बड़ा फैसला लिया है। अब अल्फाबेट इंक अपने पॉपुलर स्मार्टफोन Google Pixel का प्रोडक्शन भारत में करेगी। पहले ये फोन वियतनाम में बनते थे, लेकिन अब हालात बदल गए हैं। इसकी वजह है अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप (Donald Trump) द्वारा लगाए गए भारी टैक्स यानी टैरिफ (Trump Tariff)।
वियतनाम से हटकर भारत की ओर क्यों आया गूगल?
अमेरिका ने वियतनाम से आने वाले प्रोडक्ट्स पर 46% तक का टैरिफ लगाया है। वहीं, भारत से आने वाले सामान पर टैरिफ 26% है। ऐसे में कंपनियां अब कम टैक्स वाले देशों की ओर रुख कर रही हैं और भारत उन्हें एक बेहतर ऑप्शन के रूप में दिखाई दे रहा है। यही कारण है कि गूगल अब Pixel स्मार्टफोन का प्रोडक्शन इंडिया में करने की प्लानिंग कर रहा है।
गूगल ने भारत में किससे की साझेदारी?
Economic Times की रिपोर्ट के अनुसार भारत में प्रोडक्शन के लिए गूगल (Google) ने दो बड़ी मैन्युफैक्चरिंग कंपनियों, डिक्सन टेक्नोलॉजीज (Dixon Technologies) और फॉक्सकॉन (Foxconn) के साथ हाथ मिलाया है। ये कंपनियां पहले से ही इलेक्ट्रॉनिक्स मैन्युफैक्चरिंग में एक्टिव हैं और भारत में स्मार्टफोन बनाकर अमेरिका और अन्य देशों में एक्सपोर्ट करती हैं।
क्या है भारत में बनने वाले Pixel फोन?
फिलहाल भारत में पिक्सल फोन के कुछ पार्ट्स ही बनते हैं, बाकी चीजें बाहर से आती हैं। लेकिन अब प्लान है कि बैटरी, फिंगरप्रिंट सेंसर जैसे पार्ट्स भी भारत में ही बनाए जाएं। इससे प्रोडक्शन की लागत घटेगी और Make successful India को बढ़ावा मिलेगा।
भारत को क्या फायदा होगा?
गूगल का यह फैसला भारत के लिए बहुत फायदेमंद हो सकता है। इससे देश में स्मार्टफोन मैन्यूफैक्चरिंग इन इंडिया को नई दिशा मिलेगी। साथ ही टेक्नोलॉजी सेक्टर में निवेश बढ़ेगा और युवाओं को नई नौकरियां मिलेंगी। अगर सब कुछ प्लान के मुताबिक चलता है, तो आने वाले सालों में भारत दुनिया का अगला स्मार्टफोन हब बन सकता है।
ट्रंप टैरिफ से खुला भारत के लिए बड़ा दरवाजा
ट्रंप द्वारा लगाए गए टैक्स भले ही वियतनाम जैसे देशों के लिए मुश्किल बने, लेकिन भारत के लिए ये एक सुनहरा अवसर बन गया है। सरकार भी इस मौके को भुनाने में जुट गई है और अमेरिका के साथ ट्रेड टॉक्स (India-US Trade Talks) तेज कर दिए हैं ताकि आने वाले समय में bilateral waste and acquisition 500 बिलियन डॉलर तक पहुंच सके।