Operation Sindoor के बाद भी शेयर बाजार टिका रहा मजबूत, जानिए क्यों नहीं हिली सेंसेक्स की नींव

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जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले के जवाब में भारत ने पाकिस्तान और पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर (PoK) में घुसकर 'ऑपरेशन सिंदूर' (Operation Sindoor) के तहत आतंकियों के ठिकानों को निशाना बनाया। यह कार्रवाई बुधवार 7 मई की सुबह की गई। लेकिन इस तरह की सैन्य कार्रवाई के बाद भी भारतीय शेयर बाजार (India Share Market) में कोई बड़ी गिरावट नहीं देखने को मिली।

क्यों नहीं डगमगाया शेयर बाजार?

पहले भी जब भारत-पाकिस्तान के बीच तनाव बढ़ा है चाहे वो कारगिल युद्ध हो या उरी, पुलवामा जैसे आतंकी हमले
भारतीय शेयर बाजार ने कुछ समय के लिए हलचल जरूर दिखाई है, लेकिन लॉन्गटर्म में मार्केट तेजी से संभला है।

Anand Rathi ब्रोकरेज फर्म के अनुसार शेयर बाजार की गिरावट छोटे समय के लिए होती है। लॉन्ग टर्म में बाजार के मूलभूत फैक्टर्स (Fundamentals) ही काम करते हैं।

क्या कहता है इतिहास?

1990 के दशक से अब तक 11 बड़े भारत-पाक तनावों का विश्लेषण करने पर पता चला है कि शेयर बाजार ने अधिकतर मामलों में सिर्फ 5 से 10 फीसदी की गिरावट दिखाई है। ऐसे में आनंद राठी का मानना है कि युद्ध की स्थिति में स्टॉक मार्केट ेमं करीब 3.5% देखने को मिल सकती है। 

कारगिल युद्ध के दौरान कोई बड़ी गिरावट नहीं आई थी। संसद हमले के समय तो इंडियन स्टॉक मार्केट ने अमेरिका के S&P 500 इंडेक्स से भी बेहतर प्रदर्शन किया था।

लिस्टेड कंपनियों पर नहीं पड़ेगा असर

इस हमले और सेना की प्रतिक्रिया के बाद जम्मू-कश्मीर में टूरिज्म पर असर पड़ना तय है। ऑपरेशन सिंदूर के बाद ही जम्मू-श्रीनगर के हवाई हड्डों को बंद कर दिया गया है। इसके अलावा कई यात्राओं को रद्द किया गया। ऐसे में बाजार में लिस्टेड होटल और एविएशन कंपनियों जैसे इंडियन होटल्स (Indian Hotels) और इंडिगो (IndiGo) पर सीधा असर बहुत कम देखने को मिल सकता है।

Anand Rathi ने इंडियन होटल्स का टारगेट प्राइस ₹800 रखा है। इससे ये संकेत मिलता है कि इन कंपनियों में लॉन्ग टर्म इन्वेस्टमेंट अभी भी फायदे का सौदा हो सकता है।

डिफेंस सेक्टर में आएगी तेजी

जहां एक तरफ टूरिज्म सेक्टर पर दबाव है, वहीं डिफेंस सेक्टर से जुड़ी कंपनियों को इससे फायदा हो सकता है। Bharat Forge, Solar Industries और Bharat Dynamics के शेयर में तेजी आने की उम्मीद है। ये कंपनियां हथियार और डिफेंस सिस्टम्स बनाती हैं। युद्ध जैसी स्थितियों में इनका बिजनेस बढ़ने की संभावना रहती है।

हालांकि,इतिहास से यही देखा गया है कि भारत ऐसे हालात में भी फुल स्केल वॉर से बचता आया है। अंतरराष्ट्रीय दबाव, परमाणु हथियारों का डर, भारत की रणनीति, आर्थिक हित और जनता की राय के कारण युद्ध नहीं होगा। इस वजह से ऑपरेशन सिंदूर के बावजूद युद्ध की संभावना बेहद कम मानी जा रही है।

Disclaimer: ये आर्टिकल सिर्फ जानकारी के लिए है और इसे किसी भी तरह से इंवेस्टमेंट सलाह के रूप में नहीं माना जाना चाहिए। BT Bazaar अपने पाठकों और दर्शकों को पैसों से जुड़ा कोई भी फैसला लेने से पहले अपने वित्तीय सलाहकारों से सलाह लेने का सुझाव देता है।

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